Rajani katare

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गुरु नानक पर्व

                    "गुरु नानक प्रकाश पर्व"

प्रकाश पर्व गुरु नानक का,
वाहे गुरु वाहे गुरु कहते,
दर पर जाकर मथ्था टेकते,

सिक्ख धर्म के संस्थापक,
दुखियों के दुखहारी,
जन जन में प्रकाश फ़ैलाते,

समाज में व्याप्त कुरीतियां,
और अंधविश्वासों को,
दूर कर नव ज्योति जगाते,

हर दिन भोग लगता उनको,
सेवा भाव खूब सबमें,
गुरुद्वारे में लंगर रोज करवाते,

होता गुरुद्वारे में शब्द कीर्तन,
देते धार्मिक उपदेश,
गुरवाणी का पाठ भक्त करते,

लगाया जीवन मानव सेवा में,
समर्पण करा तन मन,
गुरु नानक को सब नमन करते ।

     काव्य रचना-रजनी कटारे
          जबलपुर ( म.प्र.)

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4 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

20-Nov-2021 07:40 PM

बहुत सुंदर रचना

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Swati chourasia

20-Nov-2021 07:23 PM

Very beautiful 👌

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Seema Priyadarshini sahay

20-Nov-2021 05:36 PM

बहुत खूबसूरत।🙏🙏

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